ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी अस्पताल और स्कूलों का कलेक्टर के निर्देश पर SDM, तहसीलदारों ने किया औचक निरीक्षण

बिलासपुर। ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी अस्पतालों और स्कूलों की स्थिति जानने के लिए कलेक्टर अवनीश शरण ने राजस्व अधिकारियों की टीम को एक साथ निरीक्षण के लिए भेजा। इस निरीक्षण के दौरान कई अस्पताल बंद पाए गए, जबकि कई जगह डॉक्टर और कर्मचारी बिना किसी सूचना के ड्यूटी से नदारद मिले। इसके अलावा, कई स्कूलों में शिक्षक समय से पहले छुट्टी देकर चले गए। इस रिपोर्ट के आधार पर सीएमएचओ और डीईओ को दोषी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

कई अस्पताल बंद, स्टाफ अनुपस्थित
एसडीएम और तहसीलदारों द्वारा किए गए निरीक्षण में सेंदरी और सेमरताल के उप स्वास्थ्य केंद्र बंद पाए गए, जिनके परिसर गंदगी से भरे हुए थे। तहसीलदार अतुल वैष्णव ने लोफंदी उप स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया, जहां भी ताला लटका हुआ मिला। इसी तरह, कोटा के एसडीएम युगल किशोर उर्वशा और तहसीलदार ने पोड़ी और चपोरा स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया। चपोरा में डिलीवरी टेबल की आवश्यकता बताई गई, जबकि अन्य केंद्रों में भी कर्मचारियों की अनुपस्थिति पाई गई।

स्कूलों में शिक्षकों की लापरवाही
अस्पतालों के साथ-साथ, एसडीएम और तहसीलदारों ने गांव की स्कूलों का भी औचक निरीक्षण किया। महमंद स्कूल में सिलेंडर की कमी के कारण खाना नहीं बन पा रहा था, जबकि कडार में एक शिक्षिका आधे घंटे बाद ही गायब हो गईं, जिस पर उनके वेतन कटौती के निर्देश दिए गए हैं। कई स्कूलों में समय से पहले छुट्टी दे दी गई, जिससे छात्रों का नुकसान हुआ। प्राथमिक स्कूल मंगला में तीन बजे ही छुट्टी कर दी गई, जबकि कन्या शाला सरकंडा में मध्यान्ह भोजन कक्ष के पास गुपचुप ठेला की अनुमति दी गई थी।

वेतन काटने का निर्देश 
कलेक्टर अवनीश शरण ने सीएमएचओ और डीईओ को निर्देश दिया है कि अनुपस्थित और लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। गैर-हाजिर शिक्षकों का वेतन काटा जाएगा और समय से पहले छुट्टी देने वाले शिक्षकों को नोटिस जारी किया जाएगा।

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