भोपाल अधिवेशन में नई कार्यकारिणी का गठन, महेश्वर का नामकरण प्रस्तावित
बिलासपुर। अखिल भारतवर्षीय हैहय कलचुरी महासभा का 89वां अधिवेशन विगत 3-4 अगस्त को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में केन्द्रीय तथा राज्य कार्यकारिणी के चुनाव भी आयोजित किए गए। इस दौरान बिलासपुर के मनोज राय को छत्तीसगढ़ प्रदेश के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है।
भोपाल अधिवेशन में देश के 22 प्रदेशों के कलचुरी समाज के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सभा को मुख्य अतिथि, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सम्बोधित किया। सम्मलेन में राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में जयनारायण चौकसे का चयन किया गया जबकि राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति में आनंद शिवहरे निर्वाचित हुए। प्रादेशिक अध्यक्षों के चुनाव में छत्तीसगढ़ से मनोज राय, बिलासपुर तथा मध्यप्रदेश से पंकज चौकसे, गोटे गांव को प्रदेश अध्यक्ष चुना गया।
छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष मनोज राय को आनंद शिवहरे के साथ प्रदेश कार्यकारिणी बनाने की जिम्मेदारी भी दी गई है। अधिवेशन में हंसराज डहरवाल, रमेश जायसवाल, परमानंद सिन्हा, अनिल उइके व अन्य भी शामिल हुए।
महेश्वर का नाम होगा सहस्त्रबाहुधाम महेश्वर
अखिल भारतवर्षीय हैहय कलचुरी महासभा के अधिवेशन में विशेष रूप से उपस्थित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समक्ष महेश्वर का नाम सहस्त्रबाहुधाम महेश्वर किए जाने का प्रस्ताव रखा गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सहर्ष इस प्रस्ताव को केंद्र को भेजे जाने पर सहमति प्रदान की है।
महेश्वर, मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में नर्मदा नदी के किनारे बसी एक सुन्दर नगरी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पौराणिक काल में महेश्वर, हैहय वंशी पराक्रमी राजा सहस्त्रबाहु (सहस्त्रार्जुन) की राजधानी थी। सहस्त्रबाहु ने अपने पराक्रम से रावण को भी पराजित कर दिया था।